अपशिष्ट जल के औद्योगिक उपयोग के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और इंडियन ऑयल के बीच आशय समझौता
केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा है कि आज राष्ट्री य स्वगच्छस गंगा मिशन और इंडियन ऑयल के बीच हुए आशय समझौते से देश में अपशिष्ट जल के औद्योगिक उपयोग की एक नई शुरूआत हुई है। आज वृंदावन में 40 करोड़ रूपये की लागत से मथुरा में बनने वाले एसटीपी का शिलान्या स करते हुए उन्होंडने क3हा कि इस नई शुरूआत से देश में अपशिष्टक जल का नया और विस्तृउत बाजार बनेगा। उन्होंकने बताया कि मथुरा में लक्ष्मीकनगर से गोकुल बराज तक 9 किलोमीटर पाइपलाइन के जरिए इस अपशिष्टक जल को मथुरा तेल शोधन संयंत्र के उपयोग के लिए ले जाया जाएगा।
इस संबंध में राष्ट्री य स्वतच्छग गंगा मिशन और इंडियन ऑयल कॉर्पोशन के बीच आज वृंदावन में एक आशय समझौते पर भी हस्ताकक्षर हुए। सुश्री भारती ने कहा कि राष्ट्रीकय स्व च्छे गंगा मिश्नत द्वारा अपनाये जाने वाल हाईब्रिड एन्यूीटी मोड की मदद से वर्ष 2018 तक मथुरा-वृंदावन में यमुना की शक्लअ एकदम बदल जाएगी। उन्हों ने कहा कि दिल्लीय से मथुरा-वृंदावन तक जाने वाले यमुना के प्रदूषित जल को रोकने के हर प्रयास किए जाएंगे। मंत्री महोदया ने कहा कि सिंचाई के क्षेत्र में नई प्रेशर प्रौद्योगिकी के इस्ते माल से गंगा- यमुना के 60 प्रतिशत पानी की बचत की जा सकेगी, जिसका उपयोग नदी के प्रवाह को बनाए रखने में किया जाएगा।
उल्ले्खनीय है कि पिछली 7 जुलाई, 2016 को राष्ट्री्य स्वाच्छक गंगा मिशन ने मथुरा में 17 घाटों और 3 शवदाहगृहों के निर्माण का काम शुरू किया था। मथुरा में यमुना की सतह की सफाई के लिए एक ट्रेश स्कीगमर भी लगाया गया है।
समारोह को केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री श्री नितिन गडकरी और केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेन्द्रर प्रधान ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर 300 महिलाओं को उज्व्री ला स्कीाम के तहत खाना पकाने की गैस के कनेक्शमन भी दिए गए।
Source :- PIB
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