1) आर्थिक मामलों पर गठित कैबिनेट की समिति (CCEA) ने 28 सितम्बर 2016 को केन्द्रीय एक्साइज़ एवं कस्टम बोर्ड (CBEC) की 2,256 करोड़ रुपए की उस IT परियोजना को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी जिसके तहत अप्रैल 2017 से लागू किए जाने वाले GST के नेटवर्क को के नेटवर्क से एकीकृत (integrate) किया जा सके। इस IT परियोजना को क्या नाम दिया गया है? – “सक्षम”
विस्तार: “सक्षम” (‘Saksham’) परियोजना केन्द्रीय एक्साइज़ एवं कस्टम बोर्ड (Central Board of Excise and Customs – CBEC) द्वारा क्रियान्वित नया अप्रत्यक्ष कर एकत्रीकरण नेटवर्क है जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई CCEA की बैठक में मंजूरी प्रदान कर दी गई।
– इस परियोजना पर कुल व्यय करोड़ 2256 रुपए होगा जिसे सात वर्षों की समयावधि के दौरान परियोजना पर व्यय किया जायेगा।
– “सक्षम” परियोजना गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स (GST) नामक नए अप्रत्यक्ष कर को देश में लागू किए जाने में प्रमुख भूमिका निभायेगी। इसके अलावा यह भारतीय कस्टम विभाग (Indian Customs Deptt.) की Single Window Interface for Facilitating Trade (SWIFT) को भी विस्तारित करने में मदद करेगी तथा डिज़िटल इण्डिया (Digital India) व ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस (Ease of Doing Business) जैसे करदाताओं को सुविधा पहुँचाने वाले के प्रकल्पों को सुदृढ़ करेगी।
– उल्लेखनीय है कि सक्षम परियोजना के तहत CBEC को अपनी IT प्रणालियों को 1 अप्रैल 2017 तक तैयार करना होगा जब केन्द्र सरकार अपना महात्वाकांक्षी GST लागू करेगी। इसके तहत IT प्रणालियों को अपडेट किया जायेगा जबकि दूसरी तरफ प्रणाली की मौजूदा आयकर सुविधाएं (existing tax-payer services) अपना कार्य करती रहेंगी।
2) दक्षिण अमेरिकी देश कोलम्बिया (Colombia) में 27 सितम्बर 2016 को एक नया इतिहास लिखा गया जब पिछले 52 वर्षों से चल रहे गृह युद्ध (civil war) को औपचारिक रूप से समाप्त करने के लिए यहाँ की सरकार तथा चरमपंथी संगठन FARC के बीच एक शांति समझौता हस्ताक्षरित किया गया। इस ऐतिहासिक समझौते पर किसने हस्ताक्षर किए? – कोलम्बियाई राष्ट्रपति जुआन मैनुअल सैन्टॉस (Juan Manuel Santos) और FARC के सर्वोच्च नेता टिमोलिओन जिमेनेज़ (Timoleon Jimenez)
विस्तार: कोलम्बियाई सरकार तथा चरमपंथी संगठन FARC (Revolutionary Armed Forces of Colombia) के बीच यह ऐतिहासिक समझौता कोलम्बिया के पाँचवें सबसे बड़े शहर कार्टाजेना (Cartagena) में 27 सितम्बर 2016 को हस्ताक्षरित किया गया। कोलम्बियाई राष्ट्रपति जुआन मैनुअल सैन्टॉस (Juan Manuel Santos) और FARC के सर्वोच्च नेता टिमोलिओन जिमेनेज़ (Timoleon Jimenez) ने इसपर अपने हस्ताक्षर कर इसे वैधानिकता प्रदान की। इस समझौते ने देश में 1964 से चल रहे सशस्त्र संघर्ष तथा गृह-युद्ध को औपचारिक रूप से समाप्त करने का मार्ग प्रशस्त किया।
– इस संघर्ष को शीत-काल (Cold War) के दौर में शुरू हुए तमाम संघर्षों में से अंतिम बड़ा संघर्ष माना जाता है तथा इसमें ढाई लाख से अधिक लोगों की जान गई जबकि लगभग 60 लाख लोगों को अपने स्थानों को छोड़कर पलायन करना पड़ा।
– इस शांति समझौते का गवाह बनने के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) महासचिव बान की-मून (Ban Ki-moon), अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी (John Kerry) और क्यूबाई राष्ट्रपति राउल कास्त्रो (Raul Castro) कार्टाजेना स्थित समारोह स्थल में मौजूद थे।
– उल्लेखनीय है कि इस शांति समझौते की नींव तैयार करने के लिए क्यूबा (Cuba) की राजधानी हवाना (Havana) में कोलम्बियाई सरकार तथा चरमपंथियों के बीच कई दौर की वार्ता हुई थी। जून 2016 के दौरान एक युद्धविराम (Ceasefire) की घोषणा कर दी गई थी।
3) विश्व आर्थिक मंच (WEF) द्वारा 27 सितम्बर 2016 को जारी वर्ष 2016-17 के वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक (Global Competitiveness Index) में भारत को क्या स्थान प्रदान किया गया है? – 39वाँ
विस्तार: विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum – WEF) द्वारा प्रकाशित वर्ष 2016-17 के वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक (Global Competitiveness Index – GCI) में भारत को कुल 138 देशों में 39वाँ स्थान दिया गया है। खास बात यह है कि भारत की स्थिति में वर्ष 2015-16 के मुकाबले 16 स्थानों का शानदार सुधार आया है तथा भारत 138 देशों में सबसे तेज प्रगति करने वाले देश के रूप में उभरा है।
– इस सूचकांक के वर्ष 2015-16 के संस्करण में भारत को 55वाँ स्थान मिला था।
– इस सम्बन्ध में विश्व आर्थिक मंच द्वारा जारी जानकारी के अनुसार भारत ने इस वर्ष के दौरान अपनी संस्थाओं तथा मूलभूत संरचना (infrastructure) में काफी सुधार किया है। इसके अलावा वित्तीय प्रणालियों में पारदर्शिता लाकर तथा अर्थव्यवस्था को विदेशी निवेशकों को और खोलकर भारत ने अपने प्रतिस्पर्धा गुणांक में वृद्धि की है।
– भारत की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता में वृद्धि में उत्पाद बाजार की कार्यकुशलता, व्यवसाय में नए तौर-तरीकों तथा नवाचार ने भी भूमिका निभाई है। वहीं कच्चे तेल के कम मूल्य तथा मौद्रिक व राजकोषीय स्थिति में सुधार ने देश की अर्थव्यवस्था को स्थायित्व प्रदान किया है।
4) इज़राइल (Israel) के भूतपूर्व राष्ट्रपति तथा देश की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले शिमोन पेरेज़ (Shimon Peres) का 93 वर्ष की आयु में 28 सितम्बर 2016 को निधन हो गया। फलस्तीन में शांति लाने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक समझौते के लिए उन्हें किस वर्ष संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) प्रदान किया गया था? – 1994 में
विस्तार: 1993 में इज़राइली सरकार तथा फलस्तीनी नेता यासिर अराफात (Yasser Arafat) के बीच शांति समझौता कराने के लिए शिमोन पेरेज़ को वर्ष 1994 में संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया था। उन्होंने यह प्रतिष्ठित पुरस्कार तत्कालीन इज़राइली प्रधानमंत्री यित्ज़ाक राबिन (Yitzhak Rabin) तथा यासिर अराफात (Yasser Arafat) के साथ साझा किया था। उस ऐतिहासिक समझौते को कराने के दौरान पेरेज़ इज़राइल के विदेश मंत्री थे। इस समझौते को प्राय: ऑस्लो समझौते (Oslo Accord) के नाम से जाना जाता है।
– पेरेज़ 1984 में देश के आठवें प्रधानमंत्री (Prime Minister) बनाए गए थे तथा उन्होंने लगभग 2 साल तक यह पद संभाला था। इसके बाद 1995 में प्रधानमंत्री यित्ज़ाक राबिन की हत्या के बाद उन्हें देश का कार्यवाहक प्रधानमंत्री (interim PM) बनाया गया था। वैसे 1977 के दौरान भी वे कुछ दिनों के लिए अनौपचारिक (informal) रूप से प्रधानमंत्री रहे थे।
– वहीं वर्ष जुलाई 2007 में उन्हें देश का नौवां राष्ट्रपति (President) चुना गया था। उन्होंने इस पद को 24 जुलाई 2014 तक संभाला था।
5) भारत (India) और अमेरिका (U.S.) की सेनाओं के बीच होने वाले वार्षिक संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास (joint military training exercise) का वर्ष 2016 का संस्करण 27 सितम्बर 2016 को सम्पन्न हो गया। “युद्ध अभ्यास-2016” नामक दो सप्ताह तक चलने वाला यह अभ्यास भारत के किस स्थान पर आयोजित किया गया? – चौबत्तिया (रानीखेत)
विस्तार: भारत तथा अमेरिका की सेनाओं के बीच आयोजित होने वाले इस वार्षिक संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास का वर्ष 2016 का संस्करण, जिसे “युद्ध अभ्यास-2016” (“Yudh Abhyas-2016”) नाम दिया गया था, 14 सितम्बर से 27 सितम्बर 2016 के बीच उत्तराखण्ड (Uttarakhand) के रानीखेत क्षेत्र के चौबत्तिया (Chaubatia) में आयोजित किया गया। यह अभ्यास एक-एक बार क्रमश: भारत तथा अमेरिका में आयोजित किया जाता है।
– यह सैन्य अभ्यास ‘युद्ध अभ्यास’ श्रृंखला का 12वां अभ्यास था। इसकी शुरुआत वर्ष 2004 में अमेरिकी सेना प्रशांतिक सहभागिता कार्यक्रम के तहत किया जाता है। इस अभ्यास के तहत भारतीय और अमेरिकी सेनाओं के बीच सहयोग को मजबूती मिलती है।
– इस अभ्यास में भारतीय सेना की एक इंफेंट्री बटालियन और अमेरिकी सेना की 20वीं इंफेंट्री रेजीमेंट की 5वीं बटालियन ने हिस्सा लिया। अभ्यास के तहत कश्मीर घाटी में आतंकवाद से निपटने की भारतीय चुनौती को अहम विषय रखकर तैयारी की गई। इसके अंतर्गत उत्तराखण्ड के इस क्षेत्र के गाँवों को कश्मीर के गाँवों का स्वरूप देकर सेनाओं ने यहाँ युद्ध रणनीतियों को क्रियान्वित करने का वृहद अभ्यास किया।
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Author :- Anand Upadhyay
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