Exam Materials : सिंधु घाटी सभ्यता

September 11, 2016    

सबसे पहले 1927 में ‘हड़प्पा’ नामक स्थल पर उत्खनन होने के कारण ‘सिन्धु सभ्यता’ का नाम ‘हड़प्पा सभ्यता’ पड़ा। पर कालान्तर में ‘पिग्गट’ ने हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ों को ‘एक विस्तृत साम्राज्य की जुड़वा राजधानियां‘ बतलाया।

इस अज्ञात सभ्यता की खोज का श्रेय ‘रायबहादुर दयाराम साहनी’ को जाता है। उन्होंने ही पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक ‘सर जॉन मार्शल’ के निर्देशन में 1921 में इस स्थान की खुदाई करवायी। लगभग एक वर्ष बाद 1922 में ‘श्री राखल दास बनर्जी’ के नेतृत्व में पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के ‘लरकाना’ ज़िले के मोहनजोदाड़ो में स्थित एक बौद्ध स्तूप की खुदाई के समय एक और स्थान का पता चला। इस नवीनतम स्थान के प्रकाश में आने क उपरान्त यह मान लिया गया कि संभवतः यह सभ्यता सिंधु नदी की घाटी तक ही सीमित है, अतः इस सभ्यता का नाम ‘सिधु घाटी की सभ्यता‘ (Indus Valley Civilization) रखा गया। सबसे पहले 1927 में ‘हड़प्पा’ नामक स्थल पर उत्खनन होने के कारण ‘सिन्धु सभ्यता’ का नाम ‘हड़प्पा सभ्यता’ पड़ा। पर कालान्तर में ‘पिग्गट’ ने हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ों को ‘एक विस्तृत साम्राज्य की जुड़वा राजधानियां‘ बतलाया।

mohanjodaro-1

अब तक भारतीय उपमहाद्वीप में इस सभ्यता के लगभग 1000 स्थानों का पता चला है जिनमें कुछ ही परिपक्व अवस्था में प्राप्त हुए हैं। इन स्थानों के केवल 6 को ही नगर की संज्ञा दी जाती है। ये हैं

  • हड़प्पा
  • मोहनजोदाड़ो
  • चन्हूदड़ों
  • लोथल
  • कालीबंगा
  • हिसार
  • बणावली

काल निर्धारण

सैंधव सभ्यता के काल को निर्धारित करना निःसंदेह बड़ा ही कठिन काम है, फिर भी विभिन्न विद्धानों ने इस विवादास्पद विषय पर अपने विचार व्यक्त किये हैं। 1920 ईसा पूर्व के दशक में सर्वप्रथम हड़प्पाई सभ्यता का ज्ञान हुआ।

 हड़प्पाई सभ्यता का काल निर्धारण मुख्य रूप से ‘मेसोपोटामिया’ में ‘उर’ और ‘किश’ स्थलों पर पाए गए हड़प्पाई मुद्राओं के आधार पर किया गया। इस क्षेत्र में सर्वप्रथम प्रयास ‘जॉन मार्शल’ का रहा। उन्होंने 1931 ई. में इस सभ्यता का काल 3250 ई.पू. 2750 ई.पू. निर्धारित किया। ह्वीलर ने इसका काल 2500 – 1500 ई.पू. माना है। बाद के समय में काल निर्धारण की रेडियो विधि का अविष्कार हुआ और इस विधि से इस सभ्यता का काल निर्धारण इस प्रकार है-

  • पूर्व हड़प्पाई चरण: लगभग 3500-2600 ई.पू.
  • परिपक्व हड़प्पाई चरण – लगभग 2600-1900 ई.पू.
  • उत्तर हड़प्पाई चरण: लगभग 1900-1300 ई.पू.

    रेडियो कार्बन ‘सी-14‘ जैसी नवीन विश्लेषण पद्धति के द्वारा हड़प्पा सभ्यता का सर्वमान्य काल 2500 ई.पू. से 1750 ई.पू. को माना गया है।

Original Content : Bharat Discovery

loading…

Let's block ads! (Why?)

cgpsc news chhattisgarh.
Exam Materials : सिंधु घाटी सभ्यता 4.5 5 Yateendra sahu September 11, 2016 सबसे पहले 1927 में ‘हड़प्पा’ नामक स्थल पर उत्खनन होने के कारण ‘सिन्धु सभ्यता’ का नाम ‘हड़प्पा सभ्यता’ पड़ा। पर कालान्तर में ‘पिग्गट’ ने हड़...


Related Post:

  • Current Affairs : 30 Aug 2016
    I.                   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने 30 अगस्त 2016 को गुजरात (Gujarat) में किस विशाल सिंचाई परियोजना (Irrigation Project) का उद्… Read More
  • Current Affairs : 31st Aug 2016
    I.भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने ऑनलाइन रेल टिकट बुक करने वाले यात्रियों को क्या नई सुविधा 31 अगस्त 2016 से प्रदान करनी शुरू कर दी? – यात्रा के दौरान 10 लाख रुपए तक का यात्रा बीमा (travel insurance) कराने की सुविधा विस्तार: आईआरसीटीसी (IRCTC) की … Read More
  • CGPSC Mains Exam Materials – पंचायत
    भारत में पंचायती राज्य शब्द का अभिप्राय ग्रामीण स्थानीय स्वशासन से है। 1992 के 73वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा इस संविधान मे सम्मिलित किया गया। पंचायती राज का विकास – बलवंत राय मेहता समिति – जनवरी 1957 मे समिति का गठन एवं अध्यक्ष बलवंत राय… Read More
  • CGPSC Mains Exam – पोला ( छत्तीसगढ़ी तिहार )
    यह त्यौहार भाद्रपद (भादो) माह के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। पोला मुख्यत किसानो से जुडा हुआ त्यौहार है । आषाढ माह से खेती किसानी करते आ रहे किसान जब भादो माह में अपनी खेती का सारा काम समाप्त कर लेते है जैसे धान बोना, निदाई करना, बियासी करना इत्य… Read More

  • [unable to retrieve full-text content] cgpsc news chhattisgarh. … Read More
Load comments

No comments:

Post a Comment