भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC of India) ने 1 सितम्बर 2016 को अपनी स्थापना के कितने वर्ष पूरे किए? – 60 वर्ष
विस्तार: सार्वजनिक क्षेत्र की दिग्गज बीमा कम्पनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की स्थापना 1 सितम्बर 1956 को की गई थी तथा इस उपक्रम ने औपचारिक रूप से अपना संचालन इसी दिन से शुरू किया था। उस समय जीवन बीमा व्यवसाय में संलग्न 250 से अधिक निजी क्षेत्र की बीमा कम्पनियों को मिलाकर भारतीय जीवन बीमा निगम का गठन किया गया था।
– इससे पूर्व 19 जून 1956 को भारतीय जीवन बीमा अधिनियम (Life Insurance of India Act) को भारतीय संसद ने पारित कर भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को अस्तित्व प्रदान किया था।
– इस प्रकार भारतीय जीवन बीमा निगम ने 1 सितम्बर 2016 को अपनी स्थापना के पूरे 60 वर्ष पूरे कर लिए। इस अवसर पर निगम ने हीरक जयंती समारोह श्रृंखला (Diamond Jubilee celebrations) का आयोजन किया । उल्लेखनीय है कि भारतीय जीवन बीमा निगम देश की सबसे बड़ी बीमा कम्पनी है तथा इसका वर्तमान परिसम्पत्ति आधार (asset base) 1,560,482 करोड़ रुपए (लगभग 230 अरब डॉलर) है।
अपने हीरक जयंती समारोह (Diamond Jubilee celebrations) के अवसर पर भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने अपने सभी पॉलिसीधारकों को क्या विशेष उपहार देने की घोषणा 1 सितम्बर 2016 को की? – रु. 5 से रु. 60 का बोनस प्रति हजार बीमांकित बीमा-राशि पर
विस्तार: भारतीय जीवन बीमा निगम ने 1 सितम्बर 2016 को घोषणा की कि अपने हीरक जयंती समारोह के अवसर पर सभी पॉलिसीधारकों को एक बार का बोनस (one time bonus) प्रदान करने की घोषणा की। यह बोनस रु. 5 से रु. 60 प्रति हजार रुपए की बीमांकित बीमा-राशि की दर से प्रदान किया जायेगा।
– इस प्रकार यह प्रस्तावित बोनस प्रभावी रूप से एक लाख रुपए की बीमांकित राशि पर 500 रुपए से 6,000 रुपए के बीच रहेगा। बोनस की राशि बीमा पॉलिसी की अवधि पर निर्भर करेगी जिसमें पुरानी पॉलिसी अथवा वह पॉलिसी जिसकी परिपक्वता (maturity) समीप है, को अधिक बोनस हासिल होगा।
– यह बोनस उन पुरानी पॉलिसियों पर मिलेगा जो 31 मार्च 2016 को प्रभाव में थीं तथा उन वर्तमान पॉलिसियों पर मिलेगा जो 1 सितम्बर 2016 को अथवा इसके बाद प्रभाव में हैं। 31 मार्च 2016 को लैप्स हुई बीमा पॉलिसियों पर भी बोनस मिलेगा यदि उन्हें पुनर्जीवित (revive) करा दिया जाय।
– LIC के अनुसार इस बोनस से लगभग 29 करोड़ व्यक्तिगत पॉलिसीधारकों (individual policyholders) को तथा करीब 12 लाख सामूहिक बीमा धारकों (group policyholders) को भी इसका लाभ हासिल होगा।
किस राजनीतिक दल को हाल ही में भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) द्वारा राष्ट्रीय दल (National Party) की मान्यता प्रदान की गई है? – तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress)
विस्तार: भारतीय चुनाव आयोग (ECI) द्वारा हाल ही में जारी एक आदेश के अनुसार ममता बनर्जी के नेतृत्व वाले दल तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) को राष्ट्रीय दल (National Party) का दर्जा प्रदान किया गया है क्योंकि उसने राष्ट्रीय दल घोषित किए जाने के लिए चुनाव चिह्न (आरक्षण व आवंटन) आदेश, 1968 (Election Symbols (Reservation and Allotment) Order, 1968) में उल्लिखित शर्तों में से एक पूरा कर लिया है।
– तृणमूल कांग्रेस को पश्चिम बंगाल, मणिपुर, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश में राज्य-स्तरीय दल (State party) दर्जा हासिल है।
– उल्लेखनीय है कि एक राष्ट्रीय दल घोषित किए जाने के लिए किसी दल को पिछले लोकसभा चुनाव में कम से कम तीन राज्यों में लोकसभा की कुल सीटों की कम से कम 2% जीतीं हों; अथवा कम से कम चार राज्यों में लोकसभा अथवा विधानसभा चुनावों में उसने कुल वैध मतों का 6% हासिल किया हो व कम से कम 4 लोकसभा सीटें जीती हों; अथवा उसे देश के कम से कम चार राज्यों में राज्य-स्तरीय दल का दर्जा हासिल हो।
– तॄणमूल कांग्रेस को राष्ट्रीय दल घोषित किए जाने के बाद अब देश में राष्ट्रीय दलों की कुल संख्या ७ हो गई है – कांग्रेस (Congress), भाजपा (BJP), बसपा (BSP), सीपीआई (CPI), सीपीआई-एम (CPI-M), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC)। राष्ट्रीय या राज्य-स्तरीय दल घोषित किए जाने का मुख्य लाभ यह होता है कि इन दलों के चुनाव चिह्न को देश में किसी भी अन्य दल द्वारा देश के किसी भी स्थान पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा उन्हें अपने पार्टी कार्यालय स्थापित करने के लिए सरकार से जमीन अथवा भवन मिलते हैं। उन्हें “स्टार प्रचारकों” की संख्या 40 तक रखने का लाभ भी मिलता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बैंकों की तनावपूर्ण परिसम्पत्तियों (stressed assets) के प्रबन्धन के बारे में क्या नई घोषणा 1 सितम्बर 2016 को की? – उसने बैंकों की तनावपूर्ण परिसम्पत्तियों के बाजार को अधिक विस्तारित करते हुए उसे कुछ नई श्रेणी के ऋणदाताओं को बेचने की अनुमति दी
विस्तार: RBI ने तनावपूर्ण परिसम्पत्तियों (stressed assets) के बाजार को विस्तारित करते हुए 1 सितम्बर 2016 को घोषणा की कि अब बैंक अपनी तनावपूर्ण परिसम्पत्तियों को गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों (NBFCs) तथा वित्तीय संस्थानों (financial institutions) जैसे नए श्रेणी के ऋणदाताओं (lenders) को भी बेच सकेंगे। उसने यह दिशानिर्देश भी दिया कि सभी संशयात्मक परिसम्पत्तियों (doubtful assets) की समीक्षा बैंकों के एक बोर्ड अथवा बोर्ड सदस्यों की समिति द्वारा की जानी चाहिए।
– इसके अलावा RBI ने यह घोषणा भी की कि बैंकों की गैर-निष्पादित परिसम्पत्तियों (non-performing assets) की नीलामी के लिए ई-नीलामी प्रणाली (e-auction mechanism) भी तैयार की जानी चाहिए।
क्रिकेटर से राजनीतिज्ञ बने नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के नए राजनीतिक दल का नाम क्या होगा, जिसके सम्बन्ध में आधिकारिक घोषणा 2 सितम्बर 2016 को की गई? – “आवाज़-ए-पंजाब”
विस्तार: नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के नए राजनीतिक दल “आवाज़-ए-पंजाब” (Awaaz-e-Punjab) के गठन की घोषणा 2 सितम्बर 2016 को जारी एक ऑनलाइन पोस्टर के माध्यम से की गई। इस पोस्टर में सिद्धू के अलावा अकाली विधायक तथा पूर्व हॉकी स्टार परगट सिंह (Pargat Singh) तथा लुधियाना के दो निर्दलीय विधायक बंधु – बेंस बंधुओं (Bains brothers) की फोटो थी।
– सिद्धू ने यह घोषणा भी की कि उनका दल 2017 में पंजाब विधानसभा के लिए होने वाले चुनावों में समस्त 117 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी।
– उल्लेखनीय है कि पहले कयास लगा जा रहे थे कि भाजपा (BJP) का दामन छोड़ने क बाद वे अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) में जा सकते हैं।
Author :- Anand Upadhyay
cgpsc news chhattisgarh.
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