SSC MTS Descriptive Paper TIER 2
प्रिय विद्यार्थियों,
सरकार की परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने के लिए हमें आयोग द्वारा आयोजित कराये जा रहे सभी टियर के लिए तैयार रहना होगा. SSC MTS टियर 1 और SSC CGL टियर 1 समाप्त हो चुके हैं और सभी अब टियर 2 और टियर 3 के प्रतीक्षा में हैं. संक्षेप में, वर्णात्मक परीक्षा की तैयार शुरू कर दें जिसमें निबंध, पत्र या संक्षेपण लेखन होगा.वर्णनात्मक परीक्षा के महत्व को ध्यान में रखते हुए, हम उम्मीदवारों को निबंध प्रदान कर रहे हैं ताकि उन्हें शब्दों के उचित उपयोग और एक महत्वपूर्ण विषय पर लेखन के बारे में पता लग सके.जिन लोगों को उचित मार्गदर्शन की ज़रूरत है और जो यह अवसर को खोना नहीं चाहते जिसका वह लम्बे समय से इंतजार कर रहे थे और वे इसके लिए समर्पित हैं वे यह लेख ध्यानपूर्वक पढ़ें. अड्डा 247 की ओर से सभी उम्मीदवारों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं!!!
ESSAY
GLOBAL WARMING: CAUSES, CONSEQUENCES AND PREVENTION
ग्लोबल वार्मिंग पूरे विश्व में एक बड़ा पर्यावरण और सामाजिक मुद्दा है जो पर्यावरण में भयानक परिवर्तन ला रहा है. ग्लोबल वार्मिंग शब्द को समझने के लिए, यह जानना जरूरी है कि धीरे-धीरे गर्म हो रही पृथ्वी की सतह और पूरे वातावरण जिसमें महासागर, हिम शिखर आदि सहित सभी को ग्लोबल वार्मिंग के रूप में परिभाषित किया गया है. पिछले कुछ वर्षों में, वायुमंडलीय तापमान में वैश्विक वृद्धि को स्पष्ट रूप से देखा गया है, इस घातक चर्चित मुद्दा के पीछे, सबसे अधिक हानिकारक कारण बड़े पैमाने पर ग्रीन हाउस से गैसों का उत्सर्जन है. और इन हानिकारक गैसों के उत्सर्जन के पीछे, एक निंदनीय कारक आबादी में वृद्धि होना, आधुनिक दुनिया में औद्योगिकीकरण की मांग और ऊर्जा का उपयोग होना है. उनके घटक से निकलने वाली गैस हैं: कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, मीथेन, ऑक्साइड ऑफ नाइट्रोजन, हलोकार्बन, क्लोरोफ्लोरोकार्बन्स, क्लोरीन और ब्रोमिन यौगिक एकत्रित रूप से वायुमंडल के विकिरण संतुलन को अव्यवस्थित करते हैं. ऊष्मा विकिरण को अवशोषित करने की उनकी क्षमता के कारण, वे पृथ्वी की सतह पर तापमान में वृद्धि करते हैं. ग्लोबल वार्मिंग का एक और अहम कारक ओजोन की कमी है अर्थात अंटार्कटिका से ओजोन परत में हो रही गिरावट है. ओजोन परत सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी की सतह पर पड़ने से बाधित कर उसको सुरक्षा प्रदान करता है. आंकड़ों के मुताबिक, यह अनुमान लगाया गया है कि ओजोन छिद्र का आकार 2000 तक अंटार्कटिका के आकार से दोगुना रहा है.
ग्लोबल वार्मिंग के भयानक परिणाम से हिमनदों की संख्या में कमी आती है, जिससे तूफान अधिक हानिकारक हो जाते हैं. वर्ष 2012, 1895 से सबसे गर्म वर्ष के रूप में दर्ज किया गया है और 2003 के साथ 2013 भी 1880 से सबसे गर्म वर्ष रहा है. धीरे-धीरे वातावरण में जलवायु परिवर्तन देख रहे हैं जैसे: गर्मियों के मौसम में वृद्धि, सर्दियों के मौसम में कमी, हवा के संचलन में बदलाव, जेट स्ट्रीम, अप्रत्याशित वर्षा, भारी तूफान, चक्रवात, बाढ़, सूखा और अन्य विनाशकारी चीज़ों का सामना कर रहे हैं जो हमें दैनिक मौसम की स्थिति में प्राकृतिक असंतुलन को दर्शाता है.
ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए कई जागरूकता कार्यक्रमों सरकारी एजेंसियों, व्यापार जगत के नेताओं, गैर सरकारी संगठनों द्वारा लागू किया गया है. हालांकि, ग्लोबल वार्मिंग के भयावह नतीजा जैसे हिम शिखरों का पिघलना, लोगों की स्वास्थ्य स्थिति में गिरावट, बाढ़ या चक्रवात और अन्य के कारण जीवन का असामयिक नुकसान प्राकृतिक आपदाओं, जानवरों और पक्षियों की प्रजातियों में अप्रत्याशित विलुप्तिकरण, अब पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता, लेकिन एक आशावादी दृष्टि रखने के लिए, हमें एक कदम उठाना होगा और ईमानदारी से प्रयास करना चाहिए और वातावरण में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए.
विद्युत ऊर्जा उपयोग करने की बजाय, सौर मंडल द्वारा उत्पन्न ऊर्जा, हवा और भूतापीय ऊर्जा का इस्तेमाल उपयोग में लाया जाना चाहिए. प्राथमिक स्तर पर हमें गरीबी से पीड़ित निवासियों या लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए आवश्यकता है. पेट्रोल, डीजल की खपत करने वाले सार्वजनिक परिवहन का उपयोग एक स्तर तक कम किया जाना चाहिए. सीएनजी समर्थित परिवहन प्रणाली को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. अत्यधिक कोयले और तेल और बड़े पैमाने पर जल रही फसल को प्रभावी रूप से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. अपने परिवेश को साफ रखने और पेड़ लगाने के हर संभव प्रयास करने चाहिए.
प्रकृति बचाओ, जीवन बचाओ.
GLOBAL WARMING: CAUSES, CONSEQUENCES AND PREVENTION
ग्लोबल वार्मिंग पूरे विश्व में एक बड़ा पर्यावरण और सामाजिक मुद्दा है जो पर्यावरण में भयानक परिवर्तन ला रहा है. ग्लोबल वार्मिंग शब्द को समझने के लिए, यह जानना जरूरी है कि धीरे-धीरे गर्म हो रही पृथ्वी की सतह और पूरे वातावरण जिसमें महासागर, हिम शिखर आदि सहित सभी को ग्लोबल वार्मिंग के रूप में परिभाषित किया गया है. पिछले कुछ वर्षों में, वायुमंडलीय तापमान में वैश्विक वृद्धि को स्पष्ट रूप से देखा गया है, इस घातक चर्चित मुद्दा के पीछे, सबसे अधिक हानिकारक कारण बड़े पैमाने पर ग्रीन हाउस से गैसों का उत्सर्जन है. और इन हानिकारक गैसों के उत्सर्जन के पीछे, एक निंदनीय कारक आबादी में वृद्धि होना, आधुनिक दुनिया में औद्योगिकीकरण की मांग और ऊर्जा का उपयोग होना है. उनके घटक से निकलने वाली गैस हैं: कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, मीथेन, ऑक्साइड ऑफ नाइट्रोजन, हलोकार्बन, क्लोरोफ्लोरोकार्बन्स, क्लोरीन और ब्रोमिन यौगिक एकत्रित रूप से वायुमंडल के विकिरण संतुलन को अव्यवस्थित करते हैं. ऊष्मा विकिरण को अवशोषित करने की उनकी क्षमता के कारण, वे पृथ्वी की सतह पर तापमान में वृद्धि करते हैं. ग्लोबल वार्मिंग का एक और अहम कारक ओजोन की कमी है अर्थात अंटार्कटिका से ओजोन परत में हो रही गिरावट है. ओजोन परत सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी की सतह पर पड़ने से बाधित कर उसको सुरक्षा प्रदान करता है. आंकड़ों के मुताबिक, यह अनुमान लगाया गया है कि ओजोन छिद्र का आकार 2000 तक अंटार्कटिका के आकार से दोगुना रहा है.
ग्लोबल वार्मिंग के भयानक परिणाम से हिमनदों की संख्या में कमी आती है, जिससे तूफान अधिक हानिकारक हो जाते हैं. वर्ष 2012, 1895 से सबसे गर्म वर्ष के रूप में दर्ज किया गया है और 2003 के साथ 2013 भी 1880 से सबसे गर्म वर्ष रहा है. धीरे-धीरे वातावरण में जलवायु परिवर्तन देख रहे हैं जैसे: गर्मियों के मौसम में वृद्धि, सर्दियों के मौसम में कमी, हवा के संचलन में बदलाव, जेट स्ट्रीम, अप्रत्याशित वर्षा, भारी तूफान, चक्रवात, बाढ़, सूखा और अन्य विनाशकारी चीज़ों का सामना कर रहे हैं जो हमें दैनिक मौसम की स्थिति में प्राकृतिक असंतुलन को दर्शाता है.
ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए कई जागरूकता कार्यक्रमों सरकारी एजेंसियों, व्यापार जगत के नेताओं, गैर सरकारी संगठनों द्वारा लागू किया गया है. हालांकि, ग्लोबल वार्मिंग के भयावह नतीजा जैसे हिम शिखरों का पिघलना, लोगों की स्वास्थ्य स्थिति में गिरावट, बाढ़ या चक्रवात और अन्य के कारण जीवन का असामयिक नुकसान प्राकृतिक आपदाओं, जानवरों और पक्षियों की प्रजातियों में अप्रत्याशित विलुप्तिकरण, अब पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता, लेकिन एक आशावादी दृष्टि रखने के लिए, हमें एक कदम उठाना होगा और ईमानदारी से प्रयास करना चाहिए और वातावरण में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए.
विद्युत ऊर्जा उपयोग करने की बजाय, सौर मंडल द्वारा उत्पन्न ऊर्जा, हवा और भूतापीय ऊर्जा का इस्तेमाल उपयोग में लाया जाना चाहिए. प्राथमिक स्तर पर हमें गरीबी से पीड़ित निवासियों या लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए आवश्यकता है. पेट्रोल, डीजल की खपत करने वाले सार्वजनिक परिवहन का उपयोग एक स्तर तक कम किया जाना चाहिए. सीएनजी समर्थित परिवहन प्रणाली को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. अत्यधिक कोयले और तेल और बड़े पैमाने पर जल रही फसल को प्रभावी रूप से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. अपने परिवेश को साफ रखने और पेड़ लगाने के हर संभव प्रयास करने चाहिए.
प्रकृति बचाओ, जीवन बचाओ.
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