निर्देश (1- 5): नीचे दिए गए हरेक वाक्य को चार भागों में बांटा गया है और जिन्हें (1), (2), (3) और (4) क्रमांक दिए गए हैं। आपको यह देखना है कि वाक्य के किसी भाग में व्याकरण भाषावर्तनी, शब्दों के गलत प्रयोग या इसी तरह की कोई त्रुटि तो नहीं है। त्रुटि अगर होगी तो वाक्य के किसी एक भाग में ही होगी। उस भाग का क्रमांक ही आपका उत्तर है। अगर वाक्य त्रुटिरहित है तो उत्तर (5) दीजिए।
प्र.1. साठ के दशक में तो मजलिस /(1) मुसलमानों का पुराना गौरवान्वित लौटाने की बात करती रही, /(2) लेकिन सत्तर के दशक के अंत तक वह /(3) विशुद्ध रूप से ‘अस्मिता की राजनीति’ करने लगी थी। /(4) कोई त्रुटि नहीं (5)
उत्तरः (2) ‘गौरवान्वित’ के स्थान पर ‘गौरव’ आएगा।
प्र.2. मैं भाषा का सम्मान करने वाले उन व्यक्तियों में से हूँ /(1) जिनकी संख्या दिन-प्रतिदिन /(2) घटती जा रही है और जो /(3) अच्छाई भाषा को अपने आप में एक सिद्धि मानते हैं। /(4) कोई त्रुटि नहीं (5)
उत्तरः (4) ‘अच्छाई’ के स्थान पर ‘अच्छी’ आएगा।
प्र.3. साहित्यकार शब्दों या भाषा का उपयोग नहीं /(1) करता है बल्कि शब्दों के नए संबंध /(2) निर्मित करता है और ये नए संबंध ही /(3) उसके संचार की पहचान बनाते हैं। /(4) कोई त्रुटि नहीं (5)
उत्तरः (4) ‘संचार’ के स्थान पर ‘संप्रेषण’ आएगा।
प्र.4. हिन्दी साहित्य के इतिहास के बारे में मेरी अवधारणा /(1) काफी कुछ वैसी ही बनती जा रही है /(2) जैसी कि अपने बचपन के दिनों की /(3) अपनी पारिवारिक तस्वीर के बारे में बन गई है। /(4) कोई त्रुटि नहीं (5)
उत्तरः (1) ‘अवधारणा’ के स्थान पर ‘धारणा’ आएगा।
प्र.5. आज भी हिन्दी साहित्य का /(1) इतिहास-लेखन अपनी /(2) समूल धारणाओं में आचार्य रामचन्द्र शुक्ल और आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी से /(3) आगे नहीं जा पाया है।/(4) कोई त्रुटि नहीं (5)
उत्तरः (3) ‘समूल’ के स्थान पर ‘मूल’ आएगा।
निर्देश (6-10): नीचे दिए गए प्रत्येक प्रश्नू में शब्दों का क समूह या कोई वाक्यांश मोटे अक्षरों में लिखा गया है| वाक्य के नीचे (1), (2), (3) और (4) विकल्प दिए गए हैं| इनमें से उन विकल्प का चयन कीजिय जो कि वाक्य के मोटे अक्षरों वाले भाग की जगह इस तरह रखा जा सके कि वह वाक्य का आशय बदले बगैर उस मोटे अक्षरों वाले भात की जगह ले लें| अगर कोई विकल्प उस मोटे अक्षरों वाले भाग की जगह नहीं ले सकता तो उत्तर (5) दीजिए, अर्थात ‘सुधार आवश्यक नहीं है’|
प्र.6. सास-ननद के लाख समझाने के बाद भी स्त्रियाँ कापालिकों के प्रति उसी तरह से आकर्षण होती थीं जैसे कृष्ण के प्रति गोपियाँ।
(1) उसी तरह से आकर्षित करती थीं
(2) उसी तरह से आकर्षित देखती थीं
(3) उसी तरह से आकर्षित होती थीं
(4) उसी तरह से आकर्षित दिखाती थीं
(5) कोई सुधार आवश्यक नहीं है।
उत्तरः (3) उसी तरह से आकर्षित होती थीं
प्र.7. मीरा के काव्य व्यक्तित्व को दबा पाना सम्भवतः इसलिए आसान नहीं रहता होगा क्योंकि उनका व्यक्तित्व मठवाद के दायरे से बाहर था।
(1) इसलिए आसान नहीं रहा होगा
(2) इसलिए आसान नहीं रह जाता होगा
(3) इसीलिए आसान नहीं रहता होगा
(4) बेशक आसानी नहीं रहा होगा
(5) कोई सुधार आवश्यक नहीं है।
उत्तरः (1) इसलिए आसान नहीं रहा होगा
प्र.8. पाकिस्तानी सांसद नवाज शरीफ सरकार पर दबदबा बना रहे हैं कि यमन में अशांति को दूर करने के लिए वह यूएई को सहयोग न करे।
(1) सरकार पर दाब बना रहे हैं
(2) सरकार पर दाब डाल रहे हैं
(3) सरकार पर दबाव कर रहे हैं
(4) सरकार पर दबाव बना रहे हैं
(5) कोई सुधार आवश्यक नहीं है।
उत्तरः (4) सरकार पर दबाव बना रहे हैं
प्र.9. धर्म के आध्यात्मिकीकरण और भ्रातृभाव से तात्पर्य यह मानना चाहिए कि जो कर्म या श्रम हम करते हैं, हम अपने को उससे कितना अनासक्त रख सकते हैं।
(1) तात्पर्य यह होना चाहिए
(2) तात्पर्य यह मनवाना चाहिए
(3) तात्पर्य यही नहीं मानना चाहिए
(4) तात्पर्य यह भी नहीं मानना चाहिए
(5) कोई सुधार आवश्यक नहीं है।
उत्तरः (1) तात्पर्य यह होना चाहिएझ
प्र.10. उन्नीसवीं शताब्दी तक कमोबेश भारत स्वयं को अपनी स्वतंत्रता और एकता की राजनीति में नहीं, संस्कृति में खोजता-पाता था।
(1) संस्कृति में खोज-पाता था।
(2) संस्कृति में ही खोज कर पाता था।
(3) संस्कृति में खोजने जाता था।
(4) संस्कृति में खोजता रह जाता था।
(5) कोई सुधार आवश्यक नहीं है।
उत्तरः (5) कोई सुधार आवश्यक नहीं है।
प्र.1. साठ के दशक में तो मजलिस /(1) मुसलमानों का पुराना गौरवान्वित लौटाने की बात करती रही, /(2) लेकिन सत्तर के दशक के अंत तक वह /(3) विशुद्ध रूप से ‘अस्मिता की राजनीति’ करने लगी थी। /(4) कोई त्रुटि नहीं (5)
उत्तरः (2) ‘गौरवान्वित’ के स्थान पर ‘गौरव’ आएगा।
प्र.2. मैं भाषा का सम्मान करने वाले उन व्यक्तियों में से हूँ /(1) जिनकी संख्या दिन-प्रतिदिन /(2) घटती जा रही है और जो /(3) अच्छाई भाषा को अपने आप में एक सिद्धि मानते हैं। /(4) कोई त्रुटि नहीं (5)
उत्तरः (4) ‘अच्छाई’ के स्थान पर ‘अच्छी’ आएगा।
प्र.3. साहित्यकार शब्दों या भाषा का उपयोग नहीं /(1) करता है बल्कि शब्दों के नए संबंध /(2) निर्मित करता है और ये नए संबंध ही /(3) उसके संचार की पहचान बनाते हैं। /(4) कोई त्रुटि नहीं (5)
उत्तरः (4) ‘संचार’ के स्थान पर ‘संप्रेषण’ आएगा।
प्र.4. हिन्दी साहित्य के इतिहास के बारे में मेरी अवधारणा /(1) काफी कुछ वैसी ही बनती जा रही है /(2) जैसी कि अपने बचपन के दिनों की /(3) अपनी पारिवारिक तस्वीर के बारे में बन गई है। /(4) कोई त्रुटि नहीं (5)
उत्तरः (1) ‘अवधारणा’ के स्थान पर ‘धारणा’ आएगा।
प्र.5. आज भी हिन्दी साहित्य का /(1) इतिहास-लेखन अपनी /(2) समूल धारणाओं में आचार्य रामचन्द्र शुक्ल और आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी से /(3) आगे नहीं जा पाया है।/(4) कोई त्रुटि नहीं (5)
उत्तरः (3) ‘समूल’ के स्थान पर ‘मूल’ आएगा।
निर्देश (6-10): नीचे दिए गए प्रत्येक प्रश्नू में शब्दों का क समूह या कोई वाक्यांश मोटे अक्षरों में लिखा गया है| वाक्य के नीचे (1), (2), (3) और (4) विकल्प दिए गए हैं| इनमें से उन विकल्प का चयन कीजिय जो कि वाक्य के मोटे अक्षरों वाले भाग की जगह इस तरह रखा जा सके कि वह वाक्य का आशय बदले बगैर उस मोटे अक्षरों वाले भात की जगह ले लें| अगर कोई विकल्प उस मोटे अक्षरों वाले भाग की जगह नहीं ले सकता तो उत्तर (5) दीजिए, अर्थात ‘सुधार आवश्यक नहीं है’|
प्र.6. सास-ननद के लाख समझाने के बाद भी स्त्रियाँ कापालिकों के प्रति उसी तरह से आकर्षण होती थीं जैसे कृष्ण के प्रति गोपियाँ।
(1) उसी तरह से आकर्षित करती थीं
(2) उसी तरह से आकर्षित देखती थीं
(3) उसी तरह से आकर्षित होती थीं
(4) उसी तरह से आकर्षित दिखाती थीं
(5) कोई सुधार आवश्यक नहीं है।
उत्तरः (3) उसी तरह से आकर्षित होती थीं
प्र.7. मीरा के काव्य व्यक्तित्व को दबा पाना सम्भवतः इसलिए आसान नहीं रहता होगा क्योंकि उनका व्यक्तित्व मठवाद के दायरे से बाहर था।
(1) इसलिए आसान नहीं रहा होगा
(2) इसलिए आसान नहीं रह जाता होगा
(3) इसीलिए आसान नहीं रहता होगा
(4) बेशक आसानी नहीं रहा होगा
(5) कोई सुधार आवश्यक नहीं है।
उत्तरः (1) इसलिए आसान नहीं रहा होगा
प्र.8. पाकिस्तानी सांसद नवाज शरीफ सरकार पर दबदबा बना रहे हैं कि यमन में अशांति को दूर करने के लिए वह यूएई को सहयोग न करे।
(1) सरकार पर दाब बना रहे हैं
(2) सरकार पर दाब डाल रहे हैं
(3) सरकार पर दबाव कर रहे हैं
(4) सरकार पर दबाव बना रहे हैं
(5) कोई सुधार आवश्यक नहीं है।
उत्तरः (4) सरकार पर दबाव बना रहे हैं
प्र.9. धर्म के आध्यात्मिकीकरण और भ्रातृभाव से तात्पर्य यह मानना चाहिए कि जो कर्म या श्रम हम करते हैं, हम अपने को उससे कितना अनासक्त रख सकते हैं।
(1) तात्पर्य यह होना चाहिए
(2) तात्पर्य यह मनवाना चाहिए
(3) तात्पर्य यही नहीं मानना चाहिए
(4) तात्पर्य यह भी नहीं मानना चाहिए
(5) कोई सुधार आवश्यक नहीं है।
उत्तरः (1) तात्पर्य यह होना चाहिएझ
प्र.10. उन्नीसवीं शताब्दी तक कमोबेश भारत स्वयं को अपनी स्वतंत्रता और एकता की राजनीति में नहीं, संस्कृति में खोजता-पाता था।
(1) संस्कृति में खोज-पाता था।
(2) संस्कृति में ही खोज कर पाता था।
(3) संस्कृति में खोजने जाता था।
(4) संस्कृति में खोजता रह जाता था।
(5) कोई सुधार आवश्यक नहीं है।
उत्तरः (5) कोई सुधार आवश्यक नहीं है।
No comments:
Post a Comment