आज-कल हमारे माता-पिता जिज्ञासा के साथ हमसे सिर्फ एक ही प्रश्न पूछा करते है कि बेटा सब लग गए तू कब नौकरी पर लगेगा?
एक छात्र होने के नाते यह हमारे जीवन की बेहद बड़ी विडम्बना है और साथ ही ताने सहना हमारा परम धर्म बन चूका है.....
पडोसी आकर हमसे पूछते है कि बेटा क्या कर रहे हो?....
और यदि हम यह उत्तर दे.......:- हम सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे है,
तो उनका मुंह ऐसा बन जाता है जैसे हमने उनके पैसे चुरा लिए हो. साथ ही अलग-अलग प्रकार के ताने मार के हमारे दर्द का मर्म बड़ाने का काम भी वह बखूबी करते है. समाज हमे छिन्न नज़रो से देखाता है और साथ में यदि किसी रिश्तेदार के सुपुत्र की सरकारी नौकरी लग जाए तो अलग परेशानी है..... यह आज के समय में हर विद्यार्थी की समस्या है.
एक छात्र होने के नाते यह हमारे जीवन की बेहद बड़ी विडम्बना है और साथ ही ताने सहना हमारा परम धर्म बन चूका है.....
पडोसी आकर हमसे पूछते है कि बेटा क्या कर रहे हो?....
और यदि हम यह उत्तर दे.......:- हम सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे है,
तो उनका मुंह ऐसा बन जाता है जैसे हमने उनके पैसे चुरा लिए हो. साथ ही अलग-अलग प्रकार के ताने मार के हमारे दर्द का मर्म बड़ाने का काम भी वह बखूबी करते है. समाज हमे छिन्न नज़रो से देखाता है और साथ में यदि किसी रिश्तेदार के सुपुत्र की सरकारी नौकरी लग जाए तो अलग परेशानी है..... यह आज के समय में हर विद्यार्थी की समस्या है.
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