Hindi Language For RRBs-CWE-IV-Office Assistant Exam

September 22, 2015    

नीचे दिए गए परिच्छेद में कुछ रिक्त स्थान दिए गए हैं तथा उन्हें प्रश्न संख्या से दर्शाया गया है। ये संख्याएं परिच्छेद के नीचे मुद्रित हैं, और प्रत्येक के सामने (1), (2), (3), (4) और (5) विकल्प दिए गए हैं। इन पांचों में से कोई एक इस रिक्त स्थान को पूरे परिच्छेद के संदर्भ में उपयुक्त ढंग से पूरा कर देता हैं आपको वह विकल्प ज्ञात करना है और उसका क्रमांक ही उत्तर के रूप में दर्शाना है। आपको दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन करना है।

एक बार जम्बूद्वीप में भ्रमण करते हुए वहाँ के राजा ने देखा, दो पहाडियों के घेरे में दुष्टों को दंड देने के लिए एक नरक बना हुआ था। मन्त्रियों से यह पूछने पर कि वह क्या है, उन्होंने उत्तर दिया, ‘यह प्रेतों के राजा यम का लोक है, जहाँ दुष्टों को (--1--) दी जाती है।’ राजा ने सोचा, प्रेत-राज भी दुष्टों को दंड देने के लिए नरक बना सकता है; मैं (--2--) क्यों नहीं एक नरक बनवा सकता? उसने तत्काल मन्त्रियों को आज्ञा दी कि एक नरक बनवाएँ जिसमें उसके आदेशानुसार दुष्टों को यन्त्रणा दी जा सके।

मन्त्रियों के यह उत्तर देने पर कि कोई परम दुष्ट व्यक्ति ही नरक का (--3--) कर सकता है, राजा ने चारों ओर ऐसे व्यक्ति की खोज के लिए (--4--) दौड़ाये। एक ताल के किनारे उन्हें काले रंग का, पीले बाल और हरी आँखों वाला एक दीर्घकाय, बलिष्ठ व्यक्ति मिला जो पैरों से मछलियाँ मार रहा था, और पशु-पक्षियों को निकट बुला कर उनका वध करता जा रहा था-कोई उससे बच कर नहीं जाता था। वे उसे राजा के पास ले गये। राजा ने उसे नरक का राजा नियुक्त कर दिया।

कुछ दिन बाद एक भिक्षु भिक्षा माँगता हुआ उधर से निकला और नरक के द्वार के भीतर चला गया। नरक के (--5--) ने उसे पकड़ लिया और यन्त्रणा देने चले। उसने उनसे थोड़ा (--6--) माँगा कि भोजन कर लें क्योंकि मध्याह्न का समय था। इसी बीच एक और व्यक्ति उधर आ निकला; यम के गणों ने उसे कोल्हू में पीस दिया जिससे रुधिर का (--7--) झाग बहने लगा। देखते-देखते भिक्षु को एकाएक बोध हुआ कि शरीर कितना (--8--) है, जीवन झाग के बुलबुले-सा कैसा असार; और उसे अर्हत् का पद प्राप्त हो गया। तभी नरक के गणों ने उसे पकड़ कर खौलते कड़ाह में फेंक दिया, किन्तु भिक्षु के चेहरे पर (--9--) सन्तोष का भाव बना रहा। आग बुझ गयी, कड़ाह ठंडा हो गया; उसके बीचों-बीच एक कमल खिल आया जिस पर भिक्षु पद्मासनासीन था। गण राजा के पास यह समाचार लेकर दौड़े गये कि नरक में एक (--10--) हो गया है और वह चलकर अवश्य देखें। राजा उनके साथ गया और नरक में प्रविष्ट हुआ। भिक्षु ने उसे धर्मोपदेश दिया जिससे राजा को मुक्ति मिली। उसने नरक तुड़वा दिया और अपने पाप का प्रयश्चित्त किया। तब से वह त्रिरत्न को मानने लगा।

प्र.1. (1) शिक्षा (2) शक्ति (3) कारावास (4) सभ्यता (5) यन्त्रणा

उत्तरः (5) यन्त्रणा

प्र.2. (1) महेश्वर (2) विनाशक (3) सर्वशक्तिमान (4) राजा (5) नरेश्वर

उत्तरः (5) नरेश्वर

प्र.3. (1) उद्धार (2) निर्माण (3) विनाश (4) परोपकार (5) कल्याण

उत्तरः (2) निर्माण

प्र.4. (1) घोड़े (2) हाथी (3) चर (4) पुलिस (5) कुत्ते

उत्तरः (3) चर

प्र.5. (1) गणों (2) कबीलों (3) जत्थों (4) दलों (5) संघों

उत्तरः (1) गणों

प्र.6. (1) भोजन (2) दाना (3) अवकाश (4) पानी (5) राहत

उत्तरः (3) अवकाश

प्र.7. (1) सफेद (2) काला (3) हरा (4) लाल (5) नीला

उत्तरः (4) लाल

प्र.8. (1) साश्वत (2) नश्वर (3) अटूट (4) स्थायी (5) संगीन

उत्तरः (2) नश्वर

प्र.9. (1) प्रचंड (2) हल्के (3) अखंड (4) निराशाजनक (5) शोकाकुल

उत्तरः (3) अखंड

प्र.10. (1) आविष्कार (2) प्रमाण (3) निर्वाण (4) चमत्कार (5) परिनिर्वाण

उत्तरः (4) चमत्कार


Hindi Language For RRBs-CWE-IV-Office Assistant Exam 4.5 5 Yateendra sahu September 22, 2015 नीचे दिए गए परिच्छेद में कुछ रिक्त स्थान दिए गए हैं तथा उन्हें प्रश्न संख्या से दर्शाया गया है। ये संख्याएं परिच्छेद के नीचे मुद्रित हैं, औ...


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